लेनिन का शव आज भी ज्यों का त्यों : रूसी वैज्ञानिकों का बेहद चुनौती भरा काम मोहन लाल शर्मा बीबीसी संवाददाता ये कहानी रूसी क्रांति के सबसे बड़े चेहरे व्लादीमीर लेनिन से जुड़ी है जिनकी अगुवाई में साल 1917 में बोल्शेविक क्रांति हुई. लेकिन ये कहानी उस क्रांति से जुड़ी हुई नहीं बल्कि लेनिन के ममी में तब्दील होने से जुड़ी है. क्रांति के बाद लेनिन सिर्फ़ रूस में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लिविंग लीजेंड बन चुके थे. रूसी शहर गोर्की में लेनिन अपनी पत्नी के साथ एकाकी जीवन बिता रहे थे. 1922 के आखिरी महीनों के आते आते लेनिन की सेहत खराब होने लगी. लकवे के चलते शरीर का आधा हिस्सा काम करना बंद कर चुका था. अब उनके लिए बोलना भी आसान नहीं था. रूसी क्रांति का जनक ज़िंदगी से जंग हारने वाला था. फिर वो दिन भी आ गया जब लेनिन इस दुनिया ...