अफवाहों से गांधीजी को बचाना अब हमारी जिम्मेदारी : अवधेश पांडे महात्मा गांधी होना आज की सबसे बड़ी जरूरत है, इसलिए नहीं कि गांधी की 150 वीं सालगिरह है। बल्कि इसलिए कि आज के इस अनुदार और अशांति के दौर में हमें पहले से कहीं ज्यादा जरूरत आज गांधीजी की है। क्योंकि जिस वक्त में दमन बहुत ज्यादा होता है उस वक्त में ही सबसे ज्यादा उदारता की बातें होती हैं। इस धोखाधड़ी को पहचानना सबसे कठिन काम होता है। दिखावटी उदारता में छिपे धोखे को पहचानना एक तरह से अपने समय के सत्य को पहचानना है। गांधीजी ने अपने समय के सत्य को पहचाना था और उसे बोलने की हिम्मत जुटाई थी। इसलिए आज हमें एक बार फिर उनके विचारों, उनकी सक्रियता, उनके साहस और उनके सिद्धांतों की सबसे अधिक आवश्यकता है। इतिहास व्यक्तियों को नहीं उनके व्यक्तित्व की परछाई को नापता है। कोई भी व्यक्ति इतिहास के कितने लंबे कालखंड पर प्रभाव डालता है इतिहास उसे तौलता है। गांधीजी पर बात करने का सबसे बड़ा खतरा यह हैं कि या तो हम उनमें ईश्वरीय गुणों का समावेश कर देते हैं या उन्हें एक जादूगर की तरह प्रस्तुत...