गांधी पराजित नहीं हो सकते! उनकी विजय तो निश्चित है। यह भी अजीब इत्तफाक है कि मैंने जब गांधी जी के 150 वें जन्मवर्ष पर 150 लेख लिखना 21 अप्रेल 2018 से प्रारम्भ किया तो यह संकल्प लिया कि 2 अक्टूबर 2018 को जब उनकी 150 वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी, उसी दिन मेरी लेख श्रंखला का उध्यापन हो जाएगा। लेकिन मेरे लाख चाहने के बाद भी ऐसा संयोग बना कि यह श्रंखला आज 30 जनवरी 2019 को ही समाप्त हो रही है। इसलिए मुझे ऐसा लगा कि हो न हो गांधीजी का असली जन्मदिन 30 जनवरी ही है। कारण स्पष्ट है जन्म एक इत्तफाक है, आकस्मिक घटना है जिस पर जन्मने वाले व्यक्ति का कोई जोर नहीं होता।कोई व्यक्ति महापुरुष के रूप में पैदा नहीं होता और किसी के जन्मदिन से उसके जीवन पर कोई रोशनी नहीं पड़ती। मुझे प्रायः लगता है कि हमें महात्मा गांधी के जीवन का कोई ऐसा दिन देखना हो जिस दिन उनके जीवन का प्रत्येक पक्ष फ्लड लाइट,की तरह पूरी तरह प्रकाशित हो गया तो वह दिन है 30 जनवरी 1948 | 30 जनवरी के दिन से गांधी के जीवन का पूरा अर्थ समझ में आता है | और प्रायः लोगों के साथ ऐसा होत...